Iran-Israel Conflict को लेकर दुनियाभर की निगाहें इस समय मिडिल ईस्ट पर टिकी हुई हैं। इजरायल और ईरान के बीच चल रही तनातनी के बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिका को सुलह की मध्यस्थता का प्रस्ताव दिया। लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पुतिन की पेशकश को सिरे से खारिज कर दिया और तीखा बयान दे डाला।
Iran-Israel Conflict: 'पहले अपना रूस-यूक्रेन युद्ध खत्म करो', ट्रंप का ताना
डोनाल्ड ट्रंप ने खुलासा किया कि जब पुतिन ने ईरान-इजरायल संघर्ष को सुलझाने की बात की, तो उन्होंने दो टूक जवाब दिया, “पहले अपना घर संभालो।” ट्रंप ने कहा, “मिडिल ईस्ट की फिक्र करने से पहले पुतिन को रूस-यूक्रेन युद्ध खत्म करना चाहिए।”
ट्रंप ने यह भी आरोप लगाया कि रूस युद्ध में हो रही मौतों को छिपा रहा है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “एक बिल्डिंग गिरती है और आप कहते हैं कि कोई नहीं मरा… क्या ये मजाक है?”
Iran-Israel Conflict: पुतिन की मध्यस्थता की पेशकश और ईरान-इजरायल तनाव
Iran-Israel Conflict के बीच पुतिन ने बयान दिया कि यह मुद्दा संवेदनशील है, लेकिन समाधान संभव है। उन्होंने कहा कि रूस ने ईरान, इजरायल और अमेरिका के साथ शांति प्रस्ताव साझा किए हैं। यह पुतिन की मिडिल ईस्ट में कूटनीतिक उपस्थिति को मजबूत करने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।
Iran-Israel Conflict: परमाणु प्लांट में फंसे 200 रूसी
पुतिन ने बताया कि ईरान के बुशहर न्यूक्लियर पावर प्लांट में रूस के 200 से अधिक कर्मचारी काम कर रहे हैं। यह प्लांट रूस की कंपनी Rosatom ने बनाया है। पुतिन के मुताबिक, इजरायल ने इन कर्मचारियों की सुरक्षा का आश्वासन दिया है।
America की बढ़ती सैन्य मौजूदगी
Iran-Israel Conflict के बीच अमेरिका ने मिडिल ईस्ट में अपनी मिलिट्री प्रेजेंस को और मजबूत कर दिया है। यह कदम तब उठाया गया जब इजरायल ने दावा किया कि उसने 50 फाइटर जेट्स से ईरान पर हमला किया। इसके जवाब में ईरान ने ड्रोन हमले किए।
ट्रंप प्रशासन का यह मानना है कि पुतिन की सुलह की पेशकश दरअसल मिडिल ईस्ट में रूस की पकड़ मजबूत करने की कोशिश है।

क्या पुतिन की भूमिका पर सवाल खड़े होंगे?
दुनियाभर के राजनीतिक विश्लेषक अब यह सवाल उठा रहे हैं कि क्या पुतिन की यह मध्यस्थता की पेशकश असली है या सिर्फ रूस की डिप्लोमैटिक चाल। साथ ही यह भी देखा जा रहा है कि ट्रंप का तीखा जवाब पुतिन के लिए अमेरिका से दूरियों को और बढ़ा सकता है।
निष्कर्ष:
Iran-Israel Conflict में रूस, अमेरिका और ईरान-इजरायल के बीच कूटनीति और टकराव की इस रस्साकशी ने मध्य पूर्व को एक बार फिर वैश्विक राजनीति के केंद्र में ला दिया है। पुतिन की शांति की पेशकश और ट्रंप का दो टूक जवाब इस बात का संकेत है कि आने वाले दिन और भी गर्मा सकते हैं।
Disclaimer:
यह लेख मीडिया रिपोर्ट्स और आधिकारिक बयानों पर आधारित है। इसमें किसी भी देश, नेता या समुदाय के प्रति दुर्भावना नहीं रखी गई है। लेख का उद्देश्य केवल सूचनात्मक जानकारी देना है।