T Raja Singh का इस्तीफा – नाराज़गी की वजह क्या है?
तेलंगाना बीजेपी के फायरब्रांड नेता और गोशामहल से विधायक T Raja Singhने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उनका यह कदम राज्य में बीजेपी के अंदर चल रही गुटबाज़ी और गलत नेतृत्व चयन के विरोध में बताया जा रहा है। उनका मानना है कि एन रामचंद्र राव को तेलंगाना बीजेपी अध्यक्ष बनाने का फैसला कार्यकर्ताओं की भावना के खिलाफ है।
केंद्रीय नेतृत्व को बताया गुमराह किया गया
राजा सिंह ने अपने पत्र में लिखा कि केंद्रीय नेतृत्व को कुछ लोगों ने गुमराह कर दिया जिससे यह फैसला लिया गया। उन्होंने कहा कि यह नियुक्ति व्यक्तिगत स्वार्थ और लॉबिंग का परिणाम है, न कि पार्टी हित का। यही वजह है कि लाखों कार्यकर्ताओं में असंतोष की भावना है।
क्या T Raja Singh का यह कदम विचारधारा से भटकाव है?
T Raja Singh ने साफ कहा कि उनका यह कदम बीजेपी की हिंदुत्व विचारधारा के खिलाफ नहीं है। उन्होंने कहा कि वे आज भी हिंदू समाज के साथ पूरी ताकत से खड़े हैं और गोशामहल के लोगों की सेवा में समर्पित रहेंगे।
हिंदुत्व से जुड़ा रहूंगा, लेकिन नेतृत्व गलत दिशा में'
उन्होंने अपने बयान में कहा:
“मैं पार्टी से अलग हो रहा हूं लेकिन हिंदू समुदाय के लिए मेरी प्रतिबद्धता और मजबूत हुई है। मेरा विरोध विचारधारा से नहीं, बल्कि नेतृत्व की दिशा से है।”
प्रधानमंत्री और बीजेपी नेतृत्व से अपील
T Raja Singh ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जेपी नड्डा, अमित शाह और बीएल संतोष से अपील की है कि वे इस फैसले पर दोबारा विचार करें। उन्होंने कहा कि बीजेपी को तेलंगाना में मजबूत करने के लिए सही नेतृत्व की आवश्यकता है।
निष्कर्ष: क्या T Raja Singh का फैसला बीजेपी के लिए बड़ा झटका है?
T Raja Singh का इस्तीफा तेलंगाना बीजेपी के लिए एक राजनीतिक चेतावनी की तरह है। वह न सिर्फ पार्टी के एक प्रभावशाली चेहरा थे बल्कि हिंदुत्व की मजबूत आवाज़ भी थे। अब देखना ये होगा कि बीजेपी इस नाराज़गी को कैसे संभालती है, और क्या आने वाले चुनावों में यह फैसला नुकसानदेह साबित होगा।
Disclaimer:
यह लेख सार्वजनिक रूप से उपलब्ध समाचार स्रोतों और नेताओं के बयानों पर आधारित है। इसका उद्देश्य केवल जानकारी देना है, किसी राजनीतिक विचारधारा का समर्थन करना नहीं।