प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पश्चिम बंगाल के अलीपुरद्वार में जनसभा के दौरान Bengal Violence का जिक्र करते हुए ममता बनर्जी की सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि मुर्शिदाबाद और मालदा में जो हिंसा हुई है, वह सिर्फ गुंडागर्दी नहीं, बल्कि सरकार की निर्ममता का प्रमाण है। पूरे बंगाल में लोग चीख रहे हैं—”नहीं चाहिए निर्मम सरकार।”
Bengal Violence से उठे सवाल
पीएम मोदी ने साफ कहा कि Bengal Violence के पीछे टीएमसी की शह है। उन्होंने कहा कि राज्य में अब कानून का राज नहीं, बल्कि गुंडों का राज चल रहा है। मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा को उन्होंने लोकतंत्र की हत्या बताया।
Bengal Violence :- ममता सरकार की 'निर्ममता' पर पीएम मोदी का हमला
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बंगाल की जनता अब सरकार के सिस्टम से उम्मीद छोड़ चुकी है। उन्होंने कहा—”पूरा बंगाल कह रहा है—बंगाल में मची चीख-पुकार, नहीं चाहिए निर्मम सरकार।”
Bengal Violence के पांच गंभीर संकट
पीएम मोदी ने बंगाल की वर्तमान स्थिति को 5 बड़े संकटों में बांटा:
- हिंसा और अराजकता का संकट
- माताओं-बहनों की असुरक्षा
- नौजवानों में बढ़ती बेरोजगारी और निराशा
- भ्रष्टाचार और घटता जन-विश्वास
- गरीबों का हक छिनती राजनीति

आयुष्मान योजना से वंचित बंगाल
प्रधानमंत्री मोदी ने Bengal Violence के बीच स्वास्थ्य सेवा की अनदेखी पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि आयुष्मान योजना से पूरे देश को लाभ मिला, पर बंगाल की जनता को इससे वंचित रखा गया।
विश्वकर्मा योजना को भी किया ठप
पीएम मोदी बोले कि केंद्र सरकार की विश्वकर्मा योजना के तहत लाखों लोगों को मदद मिल रही है, लेकिन बंगाल में आठ लाख से अधिक आवेदन टीएमसी सरकार ने रोक रखे हैं। इससे स्पष्ट है कि सरकार जनता के हित में काम नहीं कर रही।
शिक्षक और बच्चों के भविष्य से खिलवाड़
पीएम मोदी ने आरोप लगाया कि टीएमसी ने हजारों शिक्षकों की नियुक्ति को विवादित बना दिया है, जिससे लाखों बच्चों का भविष्य अंधेरे में है। Bengal Violence सिर्फ सड़कों पर नहीं है, ये सिस्टम में भी है।
चाय बागानों में हो रहा शोषण
प्रधानमंत्री ने कहा कि बंगाल के चाय बागान श्रमिकों की कमाई तक को लूटा जा रहा है। TMC शासन में उन्हें न्यूनतम वेतन नहीं मिल रहा और दोषियों को बचाया जा रहा है।
Conclusion:
Bengal Violence को लेकर पीएम मोदी ने जो आरोप लगाए, वे टीएमसी शासन की गहरी आलोचना थे। उन्होंने जनता से अपील की कि वह ‘निर्मम सरकार’ को बदलने का संकल्प लें और बंगाल में एक सुरक्षित, न्यायपूर्ण व्यवस्था लाएं।
Disclaimer:
यह लेख प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 29 मई 2025 को पश्चिम बंगाल में दिए गए भाषण पर आधारित है। इसमें व्यक्त विचार उनके द्वारा व्यक्त किए गए विचारों का प्रतिनिधित्व करते हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना देना है, न कि किसी राजनीतिक दल का समर्थन।