India Pakistan Ceasefire: भारत ने ट्रंप सरकार के दावे को सिरे से खारिज किया
भारत और पाकिस्तान के बीच हुए सीजफायर को लेकर अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके प्रशासन की ओर से हाल ही में फिर से दावा किया गया कि यह समझौता अमेरिका की पहल पर हुआ था। लेकिन भारत ने इन दावों को पूरी तरह खारिज करते हुए साफ कर दिया कि India Pakistan Ceasefire का फैसला द्विपक्षीय स्तर पर, बिना किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता के, सीधे सैन्य अधिकारियों के बीच हुआ था।
India Pakistan Ceasefire: विदेश मंत्रालय ने ट्रंप प्रशासन को दिया करारा जवाब
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बयान में कहा कि अमेरिका का दावा पूरी तरह निराधार है। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत और पाकिस्तान के DGMOs के बीच सीधे संपर्क में यह फैसला लिया गया था। अमेरिका या किसी अन्य देश की कोई भूमिका इसमें नहीं रही।
India Pakistan Ceasefire पर व्यापार या टैरिफ की बात नहीं हुई
हाल ही में अमेरिकी अदालत में ट्रंप प्रशासन के करीबी अधिकारी हॉवर्ड लुटनिक ने दावा किया कि ट्रंप ने टैरिफ के जरिए भारत और पाकिस्तान को सीजफायर के लिए राजी किया। भारत ने इस पर भी कड़ी प्रतिक्रिया दी और कहा कि व्यापार, टैरिफ या किसी आर्थिक दबाव का इस फैसले से कोई लेना-देना नहीं है।
सीजफायर समझौते की प्रक्रिया: भारत का स्पष्टीकरण
भारत का रुख स्पष्ट है कि:
- यह द्विपक्षीय फैसला था।
- इसमें किसी तीसरे देश की भूमिका नहीं थी।
- निर्णय भारत और पाकिस्तान के DGMOs के बीच बातचीत से हुआ।
- टैरिफ या व्यापार चर्चा में कभी नहीं आया।

भारत का स्पष्ट संदेश: PoK खाली करो, तभी होगी बात
विदेश मंत्रालय ने एक बार फिर कहा कि जब तक पाकिस्तान पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) भारत को नहीं सौंपता, तब तक जम्मू-कश्मीर पर किसी भी तरह की बातचीत संभव नहीं है। उन्होंने कहा:
“आतंक और वार्ता एक साथ नहीं चल सकते।”
भारत ने पाकिस्तान को यह भी याद दिलाया कि उसे उन आतंकियों को सौंपना होगा जिनकी लिस्ट पहले ही दी जा चुकी है।
आतंक और व्यापार साथ नहीं चल सकते': भारत की कड़ी चेतावनी
भारत ने साफ किया है कि जब तक पाकिस्तान:
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सीमा पार आतंकवाद को पूरी तरह नहीं रोकता
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सिंधु जल संधि को लेकर पारदर्शिता नहीं अपनाता
तब तक व्यापारिक या राजनयिक रिश्तों में कोई सुधार संभव नहीं।
ईरान में लापता भारतीयों को लेकर भारत की सक्रियता
इसी दौरान भारत ने ईरान में लापता हुए तीन भारतीय नागरिकों को लेकर भी चिंता जताई है। प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि:
- ईरानी अधिकारियों से लगातार संपर्क में हैं।
- सुरक्षा और वापसी सुनिश्चित करने के प्रयास जारी हैं।
- परिवारों से संवाद बनाए रखा गया है।
ट्रंप प्रशासन का दावा क्यों है भ्रामक?
ट्रंप प्रशासन के इस दावे की राजनीतिक मंशा पर भी सवाल उठ रहे हैं:
- चुनावी दौर में अंतरराष्ट्रीय प्रभाव दिखाने की कोशिश।
- भारत की साख को चुनौती देना।
- घरेलू राजनीति में ट्रंप की छवि सुधारने का प्रयास।
लेकिन भारत ने इन सभी कोशिशों को तथ्यों के साथ नकार दिया।
निष्कर्ष: भारत की विदेश नीति स्पष्ट और सशक्त
India Pakistan Ceasefire पर भारत का जवाब न केवल ट्रंप प्रशासन को ठोस तरीके से खारिज करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि भारत अब किसी भी प्रकार की अंतरराष्ट्रीय दखलअंदाजी को बर्दाश्त नहीं करता।
भारत की नीति स्पष्ट है:
- आतंकवाद नहीं रुका तो वार्ता नहीं।
- सीजफायर का फैसला भारत की संप्रभुता के दायरे में।
- दावे करने वालों को ठोस तथ्य देने होंगे।
डिस्क्लेमर:
यह लेख समाचार स्रोतों के आधार पर तैयार किया गया है और इसका उद्देश्य जानकारी प्रदान करना है। इसमें व्यक्त विचार सरकारी नीतियों पर आधारित हैं, न कि लेखक की राय।