Operation Sindoor ने देश की सुरक्षा व्यवस्था को फिर से मजबूती दी है। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने आतंकियों और उनके मददगारों के खिलाफ सख्त एक्शन शुरू किया। इसी कड़ी में, 8 मई से अब तक 10 जासूसों को गिरफ्तार किया गया है जो पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के लिए काम कर रहे थे।
कैसे शुरू हुआ Operation Sindoor?
Operation Sindoor दरअसल, भारत की खुफिया एजेंसियों की एक संयुक्त कार्रवाई है जो पहलगाम हमले के बाद शुरू हुई। इसका उद्देश्य पाकिस्तान से जुड़े आतंकी नेटवर्क को तोड़ना और देशद्रोह में शामिल व्यक्तियों की पहचान करना था।
Operation Sindoor: जानिए कौन हैं ये 10 पकड़े गए जासूस?

1. गजाला और यमीन मोहम्मद (पंजाब):
इन दोनों को मलेरकोटला पुलिस ने गिरफ्तार किया। ये पाकिस्तान हाई कमीशन के अधिकारी ‘दानिश’ के संपर्क में थे। दोनों को पैसे ट्रांसफर भी किए गए थे और वीजा के बहाने पाकिस्तान आते-जाते थे।
2. नोमान इलाही (हरियाणा):
14 मई को पंजाब पुलिस ने नोमान इलाही को पकड़ा। वह पानीपत में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करता था लेकिन ISI के एजेंट्स को संवेदनशील सूचनाएं दे रहा था।
3. देविंदर सिंह ढिल्लों (कैथल, हरियाणा):
देविंदर सिंह ने कबूल किया कि उसने Operation Sindoor से जुड़ी सैन्य गतिविधियों की जानकारी पाकिस्तान को दी। वह करतारपुर कॉरिडोर के जरिए पाकिस्तानी खुफिया नेटवर्क के संपर्क में आया था।
4. ज्योति मल्होत्रा (हिसार, हरियाणा):
एक ट्रैवल यूट्यूबर जो पाकिस्तानी अधिकारी दानिश के संपर्क में थी। वह तीन बार पाकिस्तान जा चुकी थी और सोशल मीडिया पर पाक वीडियो भी शेयर कर चुकी थी। उसे पांच दिन की रिमांड पर रखा गया है।
5. अरमान (नूंह, हरियाणा):
गांव राजाका से गिरफ्तार हुआ अरमान व्हाट्सएप के जरिए भारतीय सेना से जुड़ी जानकारी पाकिस्तान भेज रहा था।
6. प्रियंका सेनापति (पुरी, ओडिशा):
यूट्यूबर प्रियंका का नाम इसलिए चर्चा में है क्योंकि ज्योति मल्होत्रा उससे मिली थी। एजेंसियां पता लगा रही हैं कि कहीं वह भी इस जाल में शामिल तो नहीं।
7. नवांकुर चौधरी (UP):
यूट्यूबर नवांकुर पर भी पाक के लिए जासूसी का आरोप है। हालांकि उसने इन आरोपों से इनकार किया है, जांच अभी जारी है।
8. शहजाद (रामपुर, यूपी):
एक व्यापारी, जिसे मुरादाबाद से एसटीएफ ने पकड़ा। वह पाकिस्तान में कपड़े और मसालों की तस्करी करता था और कई बार पाकिस्तान जा चुका था।
9. मोहम्मद मुर्तजा अली (जालंधर):
गुजरात पुलिस ने छापेमारी के दौरान इसे पकड़ा। इसके पास से चार मोबाइल और तीन सिम कार्ड बरामद हुए। वह ISI के लिए जासूसी कर रहा था।
10. दानिश (पाकिस्तानी अधिकारी):
हालांकि दानिश भारत में नहीं पकड़ा गया, लेकिन ज्यादातर गिरफ्तार लोगों से उसका नाम जुड़ा है। भारत सरकार ने उसे देश छोड़ने का आदेश दे दिया।
Operation Sindoor ने खोली पाकिस्तान की साजिश
इन गिरफ्तारियों से साफ हो गया है कि Pakistan अब सोशल मीडिया, धार्मिक यात्राओं और व्यापार जैसे रास्तों से भारत में जासूसी नेटवर्क फैला रहा है। लेकिन Operation Sindoor ने यह भी साबित कर दिया कि भारत अब हर मोर्चे पर तैयार है।
देशभक्ति की नई परिभाषा – हर नागरिक की भूमिका अहम
जैसा कि उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा, “हर नागरिक देश की सुरक्षा में भागीदार है, चाहे वह व्यापारी हो या आम व्यक्ति। अब समय है कि हम ‘नेशन फर्स्ट’ के सिद्धांत को अपनाएं।”
निष्कर्ष – Operation Sindoor बना नया सुरक्षा मॉडल
Operation Sindoor केवल एक सैन्य कार्रवाई नहीं बल्कि देश की सुरक्षा नीति का नया चेहरा है। यह न सिर्फ आतंकी ठिकानों को खत्म कर रहा है बल्कि देश के भीतर छिपे गद्दारों को भी बेनकाब कर रहा है।
Disclaimer:
यह लेख उपलब्ध सार्वजनिक जानकारी और न्यूज़ रिपोर्ट्स पर आधारित है। इसमें प्रयुक्त नाम, तथ्य और घटनाएं समाचार स्रोतों से लिए गए हैं। इसका उद्देश्य सूचनात्मक है, न कि किसी व्यक्ति या संस्था की छवि को ठेस पहुंचाना।