भारत ने एक बार फिर दुनिया को दिखा दिया कि अगर कोई देश अपनी सुरक्षा और आत्मनिर्भरता के लिए खड़ा हो जाए, तो वह बिना सीमा लांघे भी दुश्मन को झटका दे सकता है। ‘ऑपरेशन सिंदूर‘ सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई नहीं थी, यह भारत की तकनीकी ताकत, सामरिक समझ और आत्मनिर्भर रक्षा प्रणाली का जीता-जागता उदाहरण बनकर सामने आया है।
ऑपरेशन सिंदूर :- 23 मिनट में हुआ ऐसा काम, पाकिस्तान संभल ही नहीं पाया
7 मई की रात जब आम लोग नींद में थे, उस वक्त भारतीय वायुसेना ने एक बेहद गोपनीय मिशन को अंजाम दिया। महज 23 मिनट में पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में मौजूद आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया। खास बात ये रही कि भारतीय सेना ने बिना सीमा पार किए, दुश्मन के इलाके में मौजूद ठिकानों पर सटीक हमले किए।
ऑपरेशन सिंदूर :- तकनीकी रूप से कितना आगे बढ़ चुका है भारत?
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, यह ऑपरेशन केवल एक जवाबी हमला नहीं था, बल्कि इसमें भारत की तकनीकी आत्मनिर्भरता का प्रदर्शन हुआ।
- ऑपरेशन के दौरान पाकिस्तान द्वारा चीन से खरीदे गए PL-15 एयर-टू-एयर मिसाइल सिस्टम को निष्क्रिय कर दिया गया।
- तुर्किये से लाए गए उन्नत ‘यीहा’ ड्रोन भी भारतीय सिस्टम के आगे बेअसर साबित हुए।
- भारत ने पहली बार इतने बड़े पैमाने पर स्वदेशी इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम का इस्तेमाल किया, जिससे पाकिस्तान के वायु रक्षा सिस्टम को जाम कर दिया गया।
भारत की संयुक्त सैन्य शक्ति बनी ‘अभेद्य दीवार’
रक्षा मंत्रालय ने जानकारी दी कि इस ऑपरेशन में सेना, वायुसेना और नौसेना ने मिलकर काम किया।
- भारत की एयर डिफेंस प्रणाली ने असाधारण तालमेल दिखाया।
- तीनों सेनाओं की तकनीकों का एकीकृत इस्तेमाल करके एक अभेद्य सुरक्षा कवच तैयार किया गया।
- पाकिस्तान की ओर से किए गए पलटवार को पूरी तरह नाकाम कर दिया गया।
ऑपरेशन सिंदूर :- सर्जिकल सटीकता के साथ किए गए ये टारगेट
भारत ने अपने हमलों में नूर खान और रहीमयार खान जैसे महत्वपूर्ण पाकिस्तानी एयरबेस को निशाना बनाया।
- इन ठिकानों पर गाइडेड आत्मघाती ड्रोन और लॉन्ग-रेंज हथियारों से हमला किया गया।
- दुश्मन के रडार, मिसाइल सिस्टम और कम्युनिकेशन सेटअप को पूरी तरह बर्बाद कर दिया गया।
- हमले इतने सटीक और सुनियोजित थे कि भारत के किसी भी सिस्टम को नुकसान नहीं पहुंचा।
पाकिस्तान की जवाबी साजिश भी नाकाम
भारत के हमले के बाद पाकिस्तान ने 9-10 मई की रात भारतीय एयरबेस और लॉजिस्टिक केंद्रों पर पलटवार की योजना बनाई।
- लेकिन भारतीय सेना की मल्टी-लेयर डिफेंस सिस्टम पहले से तैयार थी।
- इलेक्ट्रॉनिक जैमर, डिफेंस ड्रोन्स, क्वाडकॉप्टर्स और शोल्डर फायर सिस्टम ने दुश्मन की हर कोशिश को फेल कर दिया।
- कोई भी एयरबेस या नागरिक ठिकाना प्रभावित नहीं हुआ।
रक्षा मंत्रालय का बयान: 'ये सिर्फ ऑपरेशन नहीं, संदेश है'
रक्षा मंत्रालय ने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर भारत की उस यात्रा का प्रतीक है, जहां हम आत्मनिर्भर और तकनीकी रूप से सक्षम बनकर आतंकवाद और असंयमित युद्ध का मुंहतोड़ जवाब दे रहे हैं।”
उन्होंने बताया कि इस ऑपरेशन की सफलता में स्वदेशी तकनीक, सटीक रणनीति और सामरिक एकता ने बड़ी भूमिका निभाई।
आतंकवाद के खिलाफ भारत का नया चेहरा
यह मिशन केवल आतंकियों के खिलाफ नहीं था, यह उन ताकतों के खिलाफ था जो भारत की शांति, नागरिकों और सेना को निशाना बनाने की कोशिश कर रहे थे।
- अप्रैल में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने जो सटीक जवाब दिया, उसने बता दिया कि अब भारत पहले जैसा नहीं रहा।
- अब देश रणनीतिक रूप से सोचता है, तकनीकी रूप से लड़ता है, और मजबूती से जवाब देता है।
निष्कर्ष:
‘ऑपरेशन सिंदूर’ भारत की सैन्य शक्ति का एक नया अध्याय है। यह केवल एक सीमित ऑपरेशन नहीं, बल्कि एक रणनीतिक संदेश है—दुनिया के लिए और दुश्मनों के लिए। भारत अब न सिर्फ आत्मनिर्भर है, बल्कि किसी भी खतरे का मुकाबला करने के लिए पूरी तरह तैयार भी।