Pakistan Fake Propaganda: भारत पर स्ट्राइक का झूठा दावा

Pakistan Fake Propaganda

Pakistan Fake Propaganda: पाकिस्तान की झूठी जीत की नई स्क्रिप्ट

Pakistan Fake Propaganda का ये ताज़ा मामला तब सामने आया जब शहबाज शरीफ ने सेना प्रमुख असीम मुनीर को एक फोटो गिफ्ट की। दावा किया गया कि यह तस्वीर पाकिस्तान की आर्टिलरी द्वारा ऑपरेशन सिंदूर में भारत पर हमले की है। लेकिन असल में वह तस्वीर चीन की PLA रॉकेट फोर्स की 2019 की युद्धाभ्यास वाली निकली।

Pakistan Fake Propaganda: ऑपरेशन सिंदूर के बाद झूठे दावे तेज

भारत के ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान के 13 मिलिट्री ठिकाने तबाह हो गए। इसके बावजूद पाकिस्तान सरकार और सेना अपनी हार को छिपाने के लिए Pakistan Fake Propaganda फैला रहे हैं। असीम मुनीर को फील्ड मार्शल बनाकर और झूठी तस्वीरें गिफ्ट करके एक फर्जी नेरेटिव तैयार किया जा रहा है।

Pakistan Fake Propaganda: फोटो की सच्चाई क्या है?

जिस तस्वीर को पाकिस्तानी आर्टिलरी स्ट्राइक बताया गया, वह असल में चीन की पीएलए-रॉकेट फोर्स की तस्वीर है। यह 2019 में हुए एक अभ्यास की तस्वीर है, जो PLA की आधिकारिक वेबसाइट पर भी मौजूद है। जैसे ही ये सच्चाई सामने आई, पाकिस्तान की जबरदस्त फजीहत होने लगी।

पाकिस्तान का फर्जीवाड़ा कोई नई बात नहीं

  • पहले भी पाकिस्तानी विदेश मंत्री इसाक डार ने संसद में फर्जी हेडलाइन वाला फोटोशॉप न्यूजपेपर दिखाया था।
  • रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने एक इंटरव्यू में भारत के फाइटर जेट्स पर टिप्पणी करते हुए सोशल मीडिया पोस्ट्स को सबूत बताया।
  • Pakistan Fake Propaganda के जरिए जनता को गुमराह करना अब रूटीन बन चुका है।
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अंतरराष्ट्रीय मंच पर मजाक का पात्र बना पाकिस्तान

हर बार की तरह इस बार भी पाकिस्तान की पोल खुलते देर नहीं लगी। सोशल मीडिया पर शहबाज शरीफ और असीम मुनीर का मजाक उड़ाया जा रहा है। चीन की तस्वीर को भारत पर हमले का सबूत बताने की कोशिश ने पाकिस्तान को पूरी दुनिया में शर्मिंदा कर दिया।

भारत की कूटनीतिक जीत और पाकिस्तान की बौखलाहट

भारत ने न सिर्फ ऑपरेशन सिंदूर से पाकिस्तान को सख्त संदेश दिया, बल्कि सटीक निशानों से उसकी सैन्य क्षमता पर भी सवाल खड़े कर दिए। इसी बौखलाहट में पाकिस्तान लगातार Pakistan Fake Propaganda फैला रहा है।

Disclaimer:

इस लेख में दी गई जानकारी पब्लिक डोमेन व मीडिया स्रोतों पर आधारित है। इसका उद्देश्य केवल सूचना देना है। ChatGPT द्वारा लिखा गया यह लेख किसी भी राजनीतिक एजेंडे का समर्थन नहीं करता।

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