Sonam Raghuwanshi Arrested: हत्या के आरोप में गाजीपुर से शिलॉन्ग तक का सफर
देशभर में सनसनी फैलाने वाला Sonam Raghuwanshi Arrested मामला अब नए मोड़ पर आ गया है। शादी के महज एक महीने बाद पति राजा रघुवंशी की हत्या के आरोप में सोनम को गिरफ्तार किया गया है। उसे मेघालय पुलिस गाजीपुर (यूपी) से शिलॉन्ग ले जा रही है। यह सफर कड़ी सुरक्षा और पूछताछ के बीच जारी है।
Sonam Raghuwanshi Arrested: सफर में बार-बार बोली – "मेरे सिर में दर्द है", बाकी सवालों पर चुप
पुलिस के अनुसार, सोनम पूरे रास्ते शांत रही। हर सवाल के जवाब में सिर्फ यही कहा – “मेरे सिर में दर्द हो रहा है।” जब पुलिस ने उसे खाना ऑफर किया तो उसने मना कर दिया। कई बार पूछने पर भी उसने एक शब्द नहीं बोला। ऐसे में Sonam Raghuwanshi Arrested केस की पूछताछ फिलहाल अधूरी लग रही है।
मेघालय पुलिस की रणनीति और आने वाला अगला कदम
सोनम को बिहार, कोलकाता, गुवाहाटी होते हुए शिलॉन्ग लाया जा रहा है। पटना से कोलकाता की फ्लाइट बुक की गई है और फिर उसे शिलॉन्ग ले जाया जाएगा। इस पूरे रूट में राज्य पुलिस साथ है और सुरक्षा को लेकर कोई ढिलाई नहीं बरती जा रही।
Sonam Raghuwanshi Arrested: हत्या की साजिश का खुलासा
मेघालय पुलिस ने बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि यह एक पूर्व नियोजित हत्या थी। सोनम ने अपने प्रेमी राज कुशवाहा के साथ मिलकर पूरी योजना बनाई थी। उसने शिलॉन्ग में चार कॉन्ट्रैक्ट किलर्स को बुलवाया था। पुलिस ने इन चारों को पहले ही गिरफ्तार कर लिया है।
Sonam Raghuwanshi Arrested: कॉन्ट्रैक्ट किलर्स की गिरफ्तारी और पूछताछ में सामने आए राज
पुलिस की पूछताछ में इन शूटर्स ने कबूल किया है कि हत्या की प्लानिंग पहले से की गई थी। सोनम ने पैसे भी मुहैया कराए थे और समय भी तय किया गया था। यह सब कुछ ऐसा था जैसे किसी फिल्म की स्क्रिप्ट हो। लेकिन असलियत में यह खौफनाक साजिश थी।

पुलिस को उम्मीद – शिलॉन्ग पहुंचकर सोनम टूटेगी
अब पुलिस को पूरी उम्मीद है कि Sonam Raghuwanshi Arrested केस में शिलॉन्ग पहुंचने के बाद सोनम से कुछ अहम जानकारी निकलकर सामने आएगी। फिलहाल उसका व्यवहार चुप और अजीब बना हुआ है।
निष्कर्ष:
Sonam Raghuwanshi Arrested मामला केवल एक आपराधिक घटना नहीं है, यह प्यार, धोखा और साजिश का ऐसा मेल है जो पूरे देश को चौंका रहा है। आने वाले दिनों में इस केस से और भी कई परतें खुल सकती हैं।
Disclaimer:
यह लेख सार्वजनिक रूप से उपलब्ध खबरों पर आधारित है। इसका उद्देश्य किसी व्यक्ति को दोषी ठहराना नहीं बल्कि जानकारी प्रस्तुत करना है। अंतिम निर्णय कोर्ट के आदेश पर आधारित होगा।